विकास प्रशासन में जिला प्रशासन की भूमिका

लेखक

  • डा. शुभा सिन्हा
  • डा. श्रीकांत पांडेय

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v72i4.962

सार

जिला प्रशासन भारत की प्रशासनिक संरचना की नींव का प्रतिनिधित्व करता है और राज्य तथा जनता के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य करता है। यह सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने, राजस्व संग्रह, तथा विकासात्मक और कल्याणकारी कार्यक्रमों के समन्वय के लिए उत्तरदायी होता है। ऐतिहासिक रूप से औपनिवेशिक शासन से उत्पन्न यह प्रणाली समय के साथ लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण और स्थानीय शासन की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित हुई है। यह शोधपत्र भारत में जिला प्रशासन के ऐतिहासिक विकास, संरचनात्मक ढांचे और बहुआयामी कार्यों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। साथ ही यह जिला अधिकारी (कलेक्टर) की बदलती भूमिका, समकालीन समय में सामने आने वाली चुनौतियों, और सुशासन, डिजिटलाइजेशन तथा सहभागी लोकतंत्र के संदर्भ में प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता का परीक्षण करता है। अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया है कि विकेन्द्रीकरण, तकनीकी एकीकरण और नागरिक सहभागिता के माध्यम से जिला प्रशासन को सशक्त बनाना 21वीं सदी के भारत में उत्तरदायी, जवाबदेह और प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है

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डा. शुभा सिन्हा

एसोसिएट प्रोफेसर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय

डा. श्रीकांत पांडेय

एसोसिएट प्रोफेसर, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स , दिल्ली विश्वविद्यालय

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प्रकाशित

2023-11-13

अंक

खंड

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