महात्मा गांधी का स्वास्थ्य चिंतन

Authors

  • डा. शुभा सिन्हा
  • डा. श्रीकांत पांडेय

DOI:

https://doi.org/10.8224/journaloi.v70i4.961

Abstract

महात्मा गांधी की स्वास्थ्य सम्बन्धी अवधारणा पारंपरिक चिकित्सकीय दृष्टिकोण से कहीं व्यापक थी, जो केवल रोग की अनुपस्थिति तक सीमित नहीं थी। उनके लिए स्वास्थ्य का अर्थ शरीर, मन और आत्मा के बीच एक समन्वित सामंजस्य की अवस्था था, जिसे सादगी, आत्म-अनुशासन और नैतिक आचरण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। यह शोध-पत्र गांधी के स्वास्थ्य दर्शन का विश्लेषण करता है, जिसमें उनके प्राकृतिक जीवन, स्वच्छता, शाकाहार और आध्यात्मिक संतुलन पर बल को प्रमुखता दी गई है। साथ ही, यह समकालीन युग में—जहाँ जीवनशैली-जनित रोग, पर्यावरणीय असंतुलन और आधुनिक चिकित्सा पर अत्यधिक निर्भरता बढ़ती जा रही है—गांधी के विचारों की प्रासंगिकता का मूल्यांकन भी करता है।

Author Biographies

डा. शुभा सिन्हा

एसोसिएट प्रोफेसर , श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय

डा. श्रीकांत पांडेय

दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय

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Published

2000

How to Cite

डा. शुभा सिन्हा, & डा. श्रीकांत पांडेय. (2021). महात्मा गांधी का स्वास्थ्य चिंतन. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 70(4), 194–203. https://doi.org/10.8224/journaloi.v70i4.961

Issue

Section

Articles