प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री-विमर्श

लेखक

  • Dr आरवी आमनी

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i1.5

सार

प्रेमचंद हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण लेखक हैं। उनके उपन्यासों में समाज की विसंगतियों और पात्रों के मनोविज्ञान का गहराई से चित्रण किया गया है। यह शोधपत्र प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री-विमर्श का विश्लेषण करेगा। यह देखेगा कि प्रेमचंद किस प्रकार उन सामाजिक बंधनों और रूढ़ियों को उजागर करते हैं, जिनका सामना उस समय की महिलाओं को करना पड़ता था। साथ ही, यह यह भी विश्लेषण करेगा कि प्रेमचंद किस प्रकार स्त्री पात्रों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की आवाज उठाते हैं।

प्रकाशित

2024-06-12

अंक

खंड

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