प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री-विमर्श
DOI:
https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i1.5Abstract
प्रेमचंद हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण लेखक हैं। उनके उपन्यासों में समाज की विसंगतियों और पात्रों के मनोविज्ञान का गहराई से चित्रण किया गया है। यह शोधपत्र प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री-विमर्श का विश्लेषण करेगा। यह देखेगा कि प्रेमचंद किस प्रकार उन सामाजिक बंधनों और रूढ़ियों को उजागर करते हैं, जिनका सामना उस समय की महिलाओं को करना पड़ता था। साथ ही, यह यह भी विश्लेषण करेगा कि प्रेमचंद किस प्रकार स्त्री पात्रों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की आवाज उठाते हैं।
Published
2000
How to Cite
Dr आरवी आमनी. (2024). प्रेमचंद के उपन्यासों में स्त्री-विमर्श. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 73(1), 1–14. https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i1.5
Issue
Section
Articles