भारतीय संघवाद का बदलता स्वरूप

लेखक

  • डॉ सतीश कुमार

सार

संघवाद से अभिप्राय है कि जहाँ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संविधान के द्वारा शक्तियों का बंटवारा हो। केंद्र सरकार व राज्य सरकार अपने- अपने क्षेत्राधिकार में रहकर स्वतंत्रता से कार्य करती है। आधुनिक युग में संघात्मक सरकार की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई,जहाँ संविधान के द्वारा 16 विषय केंद्र सरकार को सौंप दिए गए वह अन्य विषय राज्य सरकारों को दिए गए हैं। लेकिन समयानुसार केन्द्रीय सरकार की शक्तियो में बढ़ोतरी हुई है। जहाँ तक हम भारत में देखते हैं की भारत में भी मूल संविधान के द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों में शक्तियों का बंटवारा किया गया है जिसमे केंद्र सरकार को 97 विशेष दिए गए हैं और राज्य सरकारों को 66 विषय दिए गए हैं समवर्ती सूची में 47 विषय डाले गए। अवशेष शक्तियां केंद्र सरकार को दी गई है। लेकिन जब व्यवहार भारतीय संघवाद का अध्ययन करते हैं तो देखते हैं की अलग- अलग काल में इसका अलग-अलग स्वरूप बदलता रहा है।

प्रकाशित

2024-08-03

अंक

खंड

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