भारत का विभाजन और हिंसा: मौत की सवारी-रेलगाड़ियाँ

लेखक

  • स्नेह गोरिया डा॰ अजमेर सिंह पूनिया

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.426

सार

विभाजन के साथ ही पंजाब में चारों तरफ हत्याओं, बलात्कार व लूटमार की बाढ़ सी आ गई। पंजाब में फैली साम्प्रदायिक हिंसा व क्रूरता ने आजादी को नए आयाम दे दिए । जब भारत व पाकिस्तान के लोग अपनी आजादी की खुशियाँ मना रहे थे तो सीमा के दोनों ओर लाखों लोग अपने जीवन का सबसे अधिक कष्टपूर्ण व दुःखदायी समय गुजार रहे थे । बढ़ती हुई हिंसा व मृत्यु के भय के कारण यह लोग रोजगार व आर्थिक अवसरों की तंगी के बीच अपनी पीढ़ियों पुरानी जड़ांे से उखड़कर शरणार्थियों के रेले में शामिल होने को विवश थे । पंजाब में विभाजन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में जनसंख्या स्थानान्तरण हुआ । अनुमानतः 4.9 मिलियन हिन्दू व सिक्ख पश्चिम पंजाब से अपने घरों को छोड़कर भारत आए जबकि 5.5 मिलियन मुस्लिम पूर्वी पंजाब से पाकिस्तान गए

प्रकाशित

2024-12-05

अंक

खंड

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