माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य का उनकी आध्यात्मिक बुद्धि पर प्रभाव का अध्ययन
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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i4.402सार
किसी भी शैक्षणिक संस्थान का शैक्षणिक स्तर एवं गुणवत्ता निश्चित रूप से शिक्षकों की क्षमता, कार्यकुशलता, विषय ज्ञान एवं उनकी योग्यता द्वारा निर्धारित होती है। सम्पूर्ण विश्व में शिक्षक का स्थान अत्यंत गरिमापूर्ण तथा प्रतिष्ठित होता है। वर्तमान समय में शिक्षकों द्वारा अपने स्थान की गुणवत्ता एवं प्रतिष्ठा को बनाये रखने के लिए अपने मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आध्यात्मिक बुद्धि को मुख्य रूप सें सुदृढ़ अत्यन्त आवश्यक करना है। प्रतिस्पर्धा के दौर में शिक्षकों को स्वंय के मानसिक स्वास्थ्य तथा आध्यात्मिक बुद्धि को उच्च स्तर पर स्थिर रखना एक चुनौती जैसा है। विभिन्न कारणों में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं व्यवसायिक चुनौतियों के कारण शिक्षक अपने मानसिक स्वास्थ्य तथा आध्यात्मिक बुद्धि को बनाये रखने में लगातार संधर्षशील रहता है। प्रस्तुत शोध पत्र में शोधार्थिनी ने असमानुपातिक यादृच्छिक विधि द्वारा उत्तर प्रदेश के जिला बागपत में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में से लिंग के आधार पर 500 (242 शिक्षक एवं 258 शिक्षिकाओं) का चयन किया। शोधार्थिनी ने डाॅ0 प्रमोद कुमार, मनोविज्ञान विभाग, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात द्वारा निर्मित मानसिक स्वास्थ्य मापनी चैकलिस्ट (2016) तथा प्रो0 रूकैया जैनुद्दीन एवं अन्जूम अहमद द्वारा निर्मित आध्यात्मिक बुद्धि परीक्षण (2005) का प्रयोग कर एकत्रित आंकड़ों के सांख्यिकीकरण द्वारा ज्ञात किया कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के मानसिक स्वास्थ्य का उनकी आध्यात्मिक बुद्धि पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक बुद्धि के मध्य उच्च सकारात्मक सह-सम्बन्ध पाया गया।