माध्यमिक विद्यालय के छात्रों पर सामाजिक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन
##semicolon##
https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.281सार
शिक्षा प्रणाली को समाज और राष्ट्र के विकास का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है| यही कारण है कि प्रत्येक काल, समाज एवं राष्ट्र में शिक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सम्मानजनक स्थान दिया जाता है एवं समाज अपने नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति प्रयत्नशील रहता है| राष्ट्र के शीर्ष नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत राष्ट्रीय पुनः निर्माण के कार्य में शिक्षा को एक शक्तिशाली साधन के रूप में स्वीकार किया तथा जनमानस की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप शिक्षा की व्यवस्था करने पर जोर दिया| समाजवादी प्रजातांत्रिक व्यवस्था को पोषित करने की दृष्टि से यह आवश्यक है कि राष्ट्र समस्त नागरिकों को अधिकतम विकास करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये| कर्तव्य निष्ठ तथा अधिकार सजग नागरिक ही अपने समाज तथा राष्ट्र की प्रगति के पथ पर ले जा सकते हैं| नि:संदेह शिक्षा राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में सर्वाधिक सार्थक योगदान कर सकती है| यही कारण है कि हमारा राष्ट्र अपने नागरिकों को शैक्षिक विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए प्रभावी उपाय करने के लिए सतत प्रयत्नशील है| सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के पर्याप्त अवसर मिल सके, हमारा राष्ट्र इसके लिए संकल्प बद्ध है|