माध्यमिक स्तर की मूल्य आधारित विषयवस्तु का मूल्य विकास के प्रति शिक्षकों का अभिमत - एक अध्ययन

लेखक

  • श्रीमती शशिकान्ता शर्मा, डाॅ. सुनीता मुर्डिया

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.263

सार

किसी भी समाज के सशक्त बनाने का माध्यम शिक्षा व समाज एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। शिक्षा का लक्ष्य चऱित्र निर्माण है। स्वामी विवेकानन्द के अनुसार, शिक्षा मनुष्य की अन्र्तनिहित पूर्णता का विकास करती है। शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों का संचरण हो सकता है। मूल्य आधारित शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में मूल्यों व आदर्शाें को समाहित कर व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। उत्तम शिक्षा का उत्तरदायित्व सदैव शिक्षकों पर रहा है। इसके लिए पाठ्यपुस्तकों में वर्णित विषयवस्तु ऐसी हो जो मूल्य विकास में सक्षम हो। शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को ऐसे मानवीय, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राष्ट̭ीय मूल्यों का आत्मसात् करवाया जाये जिससे वे श्रेष्ठ नागरिक बन सकें।

प्रकाशित

2024-09-23

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श्रीमती शशिकान्ता शर्मा, डाॅ. सुनीता मुर्डिया. (2024). माध्यमिक स्तर की मूल्य आधारित विषयवस्तु का मूल्य विकास के प्रति शिक्षकों का अभिमत - एक अध्ययन. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 73(3), 658–666. https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.263

अंक

खंड

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