भारत में युवा रोजगार के संदर्भ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की भूमिका का विश्लेषण

लेखक

  • पूर्णिमा कौशिक डॉ सिद्धेश्वर मिश्रा,प्राध्यापक

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https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i2.258

सार

 

 

भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन इसके सामने बेरोजगारी की एक महत्वपूर्ण चुनौती भी है। इस समस्या का एक मुख्य कारण है देश में तेजी से बढ़ती युवा आबादी और उनके पास रोजगार के लिए आवश्यक व्यावसायिक और तकनीकी कौशल की कमी। इस कौशल अंतर को पाटने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कई योजनाएं बनाई गई हैं। इन योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण हैं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), जो युवाओं को व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। यह शोध आईटीआई की भूमिका का गहन अध्ययन करता है और विश्लेषण करता है कि वे किस प्रकार से भारत के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक होते हैं।

आईटीआई की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देना है। ये संस्थान शिक्षा और उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, जहां छात्र व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं जो उन्हें विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य करने योग्य बनाता है। हाल के वर्षों में, भारतीय सरकार ने भी कौशल विकास पर विशेष जोर दिया है, जिसमें आईटीआई की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। स्किल इंडिया मिशन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी पहलें आईटीआई के माध्यम से युवाओं को रोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बनाई गई हैं।

प्रकाशित

2024-09-22

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पूर्णिमा कौशिक डॉ सिद्धेश्वर मिश्रा,प्राध्यापक. (2024). भारत में युवा रोजगार के संदर्भ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की भूमिका का विश्लेषण. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 73(2), 678–688. https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i2.258

अंक

खंड

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