रेत समाधि उपन्यास में युग प्रासंगिकता

लेखक

  • डा सीमा कुमारी ,

##semicolon##

https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i3.251

सार

रेत समाधि उपन्यास में युग प्रासंगिकता को बखूबी उजागर किया गया है, जो आज के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तनों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपन्यास की कहानी आधुनिक युग की जटिलताओं, तकनीकी प्रगति और पारंपरिक मूल्यों के संघर्ष को प्रस्तुत करती है। पात्रों के माध्यम से लेखक ने यह दर्शाया है कि कैसे तेजी से बदलते समय में मानव संबंधों, नैतिकता और व्यक्तिगत पहचान पर प्रभाव पड़ता है। रेत समाधि, जो एक प्रतीकात्मक स्थान है, आधुनिक समाज की अस्थिरता और अनिश्चितता को प्रतिबिंबित करता है, जहाँ चरित्र अपने अस्तित्व और उद्देश्य की खोज में लगे रहते हैं। उपन्यास में पर्यावरणीय मुद्दों, जैसे जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी, को भी प्रमुखता से उठाया गया है, जो वर्तमान युग की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं। इसके अलावा, तकनीकी निर्भरता और डिजिटल युग के प्रभावों को भी संवेदनशीलता से दर्शाया गया है, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर रहे हैं। रेत समाधि उपन्यास न केवल व्यक्तिगत संघर्षों को उजागर करता है, बल्कि सामूहिक चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व की आवश्यकता पर भी बल देता है। इस प्रकार, यह उपन्यास आधुनिक युग की जटिलताओं को समझने और उनसे निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति के रूप में स्थापित होता है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा देता है।

प्रकाशित

2024-09-20

अंक

खंड

Articles