संगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं और भूमिका संघर्ष: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (प्रयागराज के संदर्भ में)
DOI:
https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i2.145Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर के संगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला कार्मिको की भूमिका समायोजन समस्याओं से संदर्भित है। यह तर्कसंगत रूप से अनुमान लगाया गया है कि कार्यरत महिला श्रमिकों को काम और परिवार दोनों में कई भूमिकाएँ निभाने से भूमिका संघर्ष का अनुभव होता है। महिलाओं के बीच भूमिका संघर्ष कर्मचारियों के रूप में उनके कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। हाल के दिनों में देखा गया है कि भारत में महिलाएं रोजगार के अवसर हासिल करने और विशेष रूप से संगठित क्षेत्रों में मौजूदा कार्यरत परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने में अभी भी पीछे हैं। संगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के बीच भूमिका संघर्ष की सीमा का अनुभवजन्य रूप से पता लगाना दिलचस्प है। अध्ययन में सेवा की अवधि, परिवार के साथ बिताए गए समय और कार्यरत महिलाओं के बीच भूमिका संघर्ष की सीमा के बीच संबंध का पता लगाने का भी प्रयास किया गया है। वर्तमान जांच 280 कार्यरत महिलाओं से एकत्र किए गए तथ्यों पर आधारित है, जिनमें से प्रत्येक प्रयागराज शहर में शिक्षण, बैंकिंग, स्वास्थ्य और सरकारी विभागों से 70 महिलाएं हैं। निष्कर्षों से पता चलता है कि कार्यरत महिलाओं को एक तरफ घरेलू कर्तव्यों का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है और दूसरी तरफ काम पर बढ़ता दबाव उन्हें अपने परिवार की देखभाल करने से रोकता है।