कबीर के काव्य की भाषा : एक विवेचन

Authors

  • डॉ सत्यवीर सिंह

DOI:

https://doi.org/10.8224/journaloi.v71i2.101

Abstract

यदि यह कहा जाए कि हिंदी साहित्य के एक हजार वर्ष के इतिहास में कबीर जैसा प्रतिभाशाली कवि नहीं हुआ तो कदाचित अतिशयोक्ति नहीं होगी। कबीर हिंदी साहित्य के न केवल भक्तिकाल के शिखर कवि थे बल्कि हिंदी के शिरोमणि कवि सिद्ध होते हैं। वे जन कवि, कालजयी कवि और मृत्युंजय कवि हैं। अपने समय और समय के बाद आज भी वे प्रासंगिक और निर्विवादित कवि हैं। कबीर ने समाज सुधार और रूढ़िवादी सोच को लेकर कभी समझौता नहीं किया। कबीर की कविता की भाषा विलक्षण है। साधारण शब्द उनकी कविता में असाधारण रूप धारण कर लेते हैं।

Published

2000

How to Cite

डॉ सत्यवीर सिंह. (2024). कबीर के काव्य की भाषा : एक विवेचन. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 71(2), 133–135. https://doi.org/10.8224/journaloi.v71i2.101

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