भारत मेंसाांप्रदायिकता का उदि: एक अध्यिन

Authors

  • डॉ. लक्ष्मी देवी सैनी

DOI:

https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i1.928

Keywords:

साांप्रदायिकत, उपयनिेशी शासन, यिभाजन (1947), सामायजक ताने-बान, राजनीयतक पररितिन

Abstract

भारत में सांप्रदायिकता का उदि एक जटिल और गहन प्रक्रिया है, जो यिशेष रूप सेउपयनिेशी शासन और यिभाजन के बाद बढी। यियिश शासन के दौरान "यििाइि एां ि रूल" नीयत नेधायमिक पहचान को और मजबूत यकिा, यजसके पररणामस्वरूप भारतीि समाज मेंयिभाजन और असहमयत बढी। यिभाजन (1947) के समि और उसके बाद, साांप्रदायिक दांगेऔर सांघषों नेसामायजक ताने-बानेको प्रभायित यकिा। भारतीि समाज मेंसाांप्रदायिकता का प्रभाि के िल धायमिक िा साांस्कृ यतक पहचान तक सीयमत नहीांहै, बल्कि िह राजनीयत, अर्िव्यिस्था और मीयििा के माध्यम सेभी फै लता है। इस अध्यिन का उद्देश्य िह समझना हैयक साांप्रदायिकता कै सेभारतीि समाज मेंउभरी और इसके पररणामस्वरूप यकस प्रकार के सामायजक और राजनीयतक पररितिनोांनेजन्म यलिा। इसके सार् ही, साांप्रदायिकता सेयनपिने के उपािोांऔर सामायजक सद्भाि को बढािा देनेके प्रिासोांपर भी यिचार यकिेजानेकी आिश्यकता है।

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Published

2000

How to Cite

डॉ. लक्ष्मी देवी सैनी. (2025). भारत मेंसाांप्रदायिकता का उदि: एक अध्यिन. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 73(1), 261–273. https://doi.org/10.8224/journaloi.v73i1.928

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