गांधीवादी जन आंदोलनो के विविध आयाम : रणनीति, सफलता और सीमाएँ
Abstract
महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्याग्रह की नीतियों का प्रयोग किया, जो न केवल उपनिवेशी शासन के खिलाफ प्रभावी थीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक आंदोलन का रूप भी ग्रहण कर गईं। गांधीजी के प्रमुख आंदोलन, जैसे सत्याग्रह, असहयोगआंदोलन और नमक सत्याग्रह, ने लाखों भारतीयों को जागरूक किया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष में प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। । गांधीजी की रणनीति ने भारतीय जनता को एकजुट किया, लेकिन इसके बावजूद, इन आंदोलनों की सीमाएँ भी थीं। अहिंसा के सिद्धांत को कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा, खासकर जातिवाद और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर। इसके अलावा, गांधीजी के तरीके सभी परिस्थितियों में हमेशा प्रभावी नहीं रहे। बावजूद इसके, गांधीवादी विचारधारा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी और वैश्विक आंदोलनों को प्रभावित किया।