हिन्दी लेखिकाओं की डायरी : परम्परा एवं विकास

Authors

  • डॉ. हरिशंकर प्रजापति

DOI:

https://doi.org/10.8224/journaloi.v69i3.507

Abstract

साहित्य की महत्वपूर्ण विधाओं में डायरी लेखन भी अन्यतम है, जो लेखक के अनुभवों, संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। हिन्दी साहित्य में लेखकों के साथ-साथ लेखिकाओं ने डायरी लेखन के माध्यम से अपने आत्मबोध, वैचारिक स्वतंत्रता, सामाजिक-आर्थिक चेतना तथा व्यक्तिगत संवेदनाओं की अभिव्यक्ति प्रदान की है।

इस शोध पत्र में हिन्दी की प्रमुख लेखिकाओं द्वारा किए गए डायरी लेखन की परम्परा के साथ ही उनके लेखन का विश्लेषण कर उनके साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला गया है।

Published

2000

How to Cite

डॉ. हरिशंकर प्रजापति. (2024). हिन्दी लेखिकाओं की डायरी : परम्परा एवं विकास. Journal of the Oriental Institute, ISSN:0030-5324 UGC CARE Group 1, 69(3), 66–68. https://doi.org/10.8224/journaloi.v69i3.507

Issue

Section

Articles