[1]
डॉ. लक्ष्‍मीकान्‍त चंदेला, “हिन्‍दी की वृद्ध जीवनपरक कहानियों में भारतीय ज्ञान परम्‍परा”, journaloi, vol. 74, no. 2, pp. 403–410, Jul. 2025.